इंडिया न्यूज़, जयपुर:
रजिस्ट्रार सहकारिता श्री मुक्तानंद अग्रवाल ने कहा कि किसानों को दीर्घकालीन कृषि ऋण उपलब्ध कराने के लिए प्राथमिक सहकारी भूूमि विकास बैंकों की आर्थिक स्थिति का बेहतर होना अतिआवश्यक है। दीर्घकालीन कृषि ऋण के जरिये लम्बी अवधि के ऋण किसानों को समय पर उपलब्ध हो सके इसकी प्रभावी व्यवस्था सुनिश्चित करें।
श्री अग्रवाल शुक्रवार को यहां प्राथमिक सहकारी भूमि विकास बैंकों के सचिवों की राज्य स्तरीय बैठक को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि दीर्घकालीन कृषि ऋण का समय पर चुकारा करने वाले किसानों को राज्य सरकार की ओर से 5 प्रतिशत ब्याज अनुदान दिया जा रहा है। इस योजना का किसानों को फायदा मिले इसके लिए किसान समय पर ऋण का चुकारा करे। यह योजनाबद्ध प्रयासों से ही संभव है।
रजिस्ट्रार ने कहा कि सभी प्राथमिक सहकारी भूमि विकास बैंकों की स्थापना किसानों के कल्याण के लिए की गई है। ऐसे में किसान ऋण का सदुपयोग करें एवं समय पर चुकारा कर सरकार की योजना का भी लाभ ले। उन्होंने कहा कि किसानों को समय पर ऋण चुकाने के लिए प्रोत्साहित करें ताकि राज्य के अधिक से अधिक किसानों को ऋण उपलब्ध हो सके एवं उनके कृषि कार्यो की जरूरतें भी पूरी हो सके।
श्री अग्रवाल को बैठक में प्राथमिक सहकारी भूमि विकास बैंकों के सचिवों ने बैंक की स्थिति एवं ऋण से संबंधित स्थिति के बारे में अवगत कराया एवं ऋण वितरण के सम्बंध में व्यवहारिक सुझाव भी दिये। उन्होंने संबंधित समस्याओं के बारे में मदद करने का आश्वासन भी दिया।
प्रबंध निदेशक, एसएलडीबी श्री विजय शर्मा ने बैठक में विभिन्न प्राथमिक सहकारी भूमि विकास बैंकों की वर्षवार ऋण से संबंधित स्थिति के बारे में अवगत कराया एवं बेहतर कार्य करने वाली प्राथमिक सहकारी भूमि विकास बैंकों की कार्ययोजना को भी सभी के समक्ष रखा।
इस अवसर पर अतिरिक्त रजिस्ट्रार (द्वितीय), श्री दुर्गालाल बलाई, अतिरिक्त रजिस्ट्रार (मॉनेटरिंग), श्री संजय पाठक एवं संबधित अधिकारी उपस्थित थे।
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