Jodhpur News: प्रदेश में पहले धमकियों का सिलसिला नही थम रह था और अब लोगों का लापता होने का। आइये हम आपको विस्तार से बताते हा पूरा मामला……कांग्रेस सरकार में डेगाना से विधायक विजयपाल मिर्धा का चालक 11 माह से लापता हैं,लेकिन चालक ताराचंद का अभी तक कोई सुराग नही लग पाया।
ताराचंद के पिता पुलिस थाने से लेकर पुलिस अधीक्षक तक अपने बेटे की शिकायत लेकर जा चुके है लेकिन अभी तक उनके बेटे का कुछ पता नही लग सक है और अब ताराचंद के पिता ने सीएम तक अपने बेटे को ढूंढने की गुहार लगाई है, लेकिन फिर भी लापता बेटे का कोई सुराग नही मिला। इसलिए अब पीड़ित ने न्यायालय में गुहार लगाई है। पीड़ित को अंदेशा है कि विधायक और उसकी पत्नी को उसकी जानकारी है, लेकिन वह उन्हें गुमराह कर रहा है।
सांगानेर इलाके में उसका बैग लावारिश हालत में मिला
नागौर में मिर्धा परिवार किसी से छुपा नही है, डेगाना से विधायक विजयपाल मिर्धा का चालक ताराचंद 10 मई 2022 को विधायक की पत्नी को लेकर जयपुर से दिल्ली गया था। यदि एमएलए की माने तो वह ट्रैन से गया था, जबकि उसके दूसरे नौकर का कहना है कि वह पत्नी के पीहर वालो की इनोवा गाड़ी लेकर गया था। उसने आगे बताया कि वह 12 मई को दिल्ली से निकल गया। उसके बाद फोन पर बात नही हुईं तो परिवार के लोगों ने 14 मई को फोन किया,लेकिन फोन नही लगा। फिर किसी अन्य से खबर मिली कि वह रास्ता भटक गया है।
पीड़ित ने कुचेरा नागौर थाने में एमएलए की सिफारिश से गुमशुदगी की एफआर दर्ज करवाई। इसके बाद भी उसका कोई सुराग नही मिला। 15 मई को जयपुर में सांगानेर इलाके में उसका बैग लावारिश हालत में मिला, जिसमे उसके कपड़े कुछ दस्तावेज थे। इसके बाद से ही पीड़ित पिता देवाराम एमएलए, उसकी पत्नी और पुलिस के चक्कर काटने को मजबूर है। उसके बावजूद कोई सुनवाई नही हो रही।
याचिका पर हाई कोर्ट ने भी निष्पक्ष जांच के निर्देश दिए है
अब पीड़ित को लगता है कि उसके बेटे के साथ कोई अनहोनी या घटना हुई है। इसके लिए सीधे तौर पर एमएलए विजयपाल मिर्धा और उसकी पत्नी पर अंदेशा जताया जा रहा है। यही नही पीड़ित का आरोप हैं कि इन लोगो को उसके बेटे के बारे में जानकारी है लेकिन यह लोग उनसे कुछ छुपा रहे है।
पुलिस भी कोई कार्रवाई नही कर रही हैं। ऐसे में अब पीड़ित ने राजस्थान हाई कोर्ट में बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका दायर कर न्यायालय से न्याय की गुहार लगाई है। पीड़ित पिता का कहना है कि मैं 11 माह से पुलिस विधायक से लेकर सरकार तक गुहार लगा चुका हूं, अब वह चक्कर काट कर ना उम्मीद हो गया। अब उसे न्यायालय से उम्मीद है कि उसे न्याय मिलेगा और उसका बेटा मिल जाएगा। हालांकि पीड़ित की याचिका पर हाई कोर्ट ने भी निष्पक्ष जांच के निर्देश दिए है।