Rajasthan Assembly Elections 2023: राजस्थान में विधानसभा चुनाव आने को है लेकिन इससे पहले राजनीतिक पार्टियों अपने-अपने मतदाताओं को लुभाने का काम शुरू कर चुकी है। राजस्थान सरकार भी मुफ्त बिजली और फुड पैकेट के जरिए मतदाताओं का ध्यान अपनी ओर खींचती रही है। दरअसल, सीएम अशोक गहलोत ने जयपुर के महापुरा गांव से ‘महंगाई राहत कैम्प’ की शुरुआत की जिसके जरिए पात्र लोगों को सरकार की 10 योजनाओं से जोड़ा जाएगा। माना तो यह भी जा रहा है कि इस कैम्प के जरिए चुनाव से पहले कांग्रेस के नेतृत्व वाली सरकार तीन करोड़ वोटरों तक अपनी पैठ बना सकती है।
राजस्थान में कम से कम 1000 रुपये का पेंशन दिया जाएगा
सीएम अशोक गहलोत ने कैम्प के उद्घाटन के दौरान कहा, ‘हमने किसानों को 2000 यूनिट बिजली मुफ्त दी है और अब किसानों का बिल जीरो आएगा। मैंने यह घोषणा की है कि राजस्थान में कम से कम 1000 रुपये का पेंशन दिया जाएगा। लंपी बीमारी के कारण जिन जानवरों की मौत हो जाती है, उसके मालिक को 40 हजार रुपये आर्थिक सहायता के रूप में दिया जाएगा।’ सीएम गहलोत ने कहा, ‘कमरतोड़ मंहगाई से निज़ात, महंगाई राहत कैंप का आगाज़। बिजली, सिलेंडर और भोजन जैसी चीजों के महंगे होने का दर्द हम समझते हैं। ये कैंप एक ही छत के नीचे तुरंत मंहगाई से राहत और बचत, बढ़त पक्का करेंगे। ये मात्र कैंप नहीं बल्कि आपके सुरक्षित और सम्मानजनक जीवन का आधार बनेंगे।’
कम से कम 13.51 लाख लोगों ने योजना का लाभ
सरकार ने फिलहाल 1799 कैम्प के साथ शुरुआत की है बता दें कि जिसकी संख्या आने वाले दिनों में 2700 तक हो जाएगी। यह कैम्प 30 जून तक चलेगा। वैसे सीएम गहलोत ने कहा है कि जब तक एक-एक पात्र लोगों को योजनाओं से नहीं जोड़ लिया जाता कैम्प जारी रहेगा। सीएम गहलोत सरकार को पहले ही दिन अच्छा रेस्पॉन्स मिला जब कम से कम 13.51 लाख लोगों ने योजना का लाभ लेने के लिए रजिस्ट्रेशन कराया। विभिन्न योजनाओं से अब तक 3.02 लाख परिवार जुड़ चुके हैं। चुनाव में अभी सात महीने का वक्त है। ऐसे में 75 लाख से दो करोड़ परिवार इससे जुड़ेगा। इससे औसतन पांच करोड़ लोगों और करीब तीन करोड़ वोटरों तक सरकार की पहुंच आसान हो जाएगी।
रजिस्ट्रेशन का सर्टिफिकेट भी बांटा जा रहा है
दूसरा दांव जो सीएम गहलोत सरकार ने खेला है वह यह कि रजिस्ट्रेशन का सर्टिफिकेट भी बांटा जा रहा है ताकि उन्हें यह याद रहे कि योजनाओं का लाभ किसके द्वारा दिया गया है। कांग्रेस ने कार्यकर्ताओं को भी सरकारी काम में लगा दिया है। इन कैम्पों में कार्यकर्ताओं को तैनात किया गया है। इतना ही नहीं राजस्थान कांग्रेस संगठन ने हर जिले के लिए एक संयोजक नियुक्त किया है ताकि हर एक लाभार्थी तक इस महंगाई राहत कैम्प की जानकारी पहुंच सके।